Aaj Ka Panchang : बुधवार 26 जून 2024 को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। इस तिथि पर चंद्रमा कुम्भ राशि में मौजूद होंगे। । अति प्राचीन काल से ही महत्व माना गया है ज्योतिष शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्व दिया है । और पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है ।
पंचांग में सूर्योदय – सूर्यास्त ,चंद्रोदय – चंद्रस्त्रकल, तिथि ,नक्षत्र मुहूर्त ,योग काल , करण सूर्य चंद्र की राशि, चौघड़िया मुहूर्त दिए गए हैं ।इस हिंदी पंचांग में आज का पंचांग के साथ सन 2024 के प्रत्येक महीने के दैनिक पंचांग भी दिए गए हैं।लेकिन आज इस लेख में आप 26 जून 2024 का Aaj Ka Panchang जानोगे।
Aaj Ka Panchang: 26 जून 2024 बुधवार
Aaj Ka Panchang विक्रम संवत ,शक संवत
शक संवत | 2081 पिंगल |
शक संवत | 1944 क्रोधी |
ज्येष्ठ | पंचमी तिथि |
तिथि संवत्
तिथि संवत् : आषाढ़माह की पंचमी तिथि हैं, सोमवार संपूर्ण दिनरात तक रहेगी, विक्रम संवत् 2081, शाके 1946, हिजरी 1445, मुस्लिम माह जिलहिज, तारीख 10, सूर्य उत्तरायण, ग्रीष्म ऋतु, 26 जून।
सूर्योदय कालीन नक्षत्र
सूर्योदय कालीन नक्षत्र : चित्रा नक्षत्र दोपहर 01:50 तक, इसके बाद स्वाति नक्षत्र रहेगा। परिघ योग रात्रि 9:34 तक रहेगा, इसके बाद शिव योग रहेगा। वणिज करण सायं 05:34 तक, इसके बाद विष्टि करण रहेगा।
ग्रह विचार (प्रातः 05:30)
(प्रातः 05:30): सूर्य-मिथुन, चंद्र-तुला, मंगल-मेष, बुध- मिथुन, गुरु-वृष, शुक्र-मिथुन, शनि-कुंभ, राहु-मीन, केतु-कन्या राशि में स्थित है।
दिशाशूल : पूर्व दिशा : जरूरी हो तो मिश्री या सौंफ खाकर यात्रा करें।
शुभाशुभ ज्ञानम्
भद्रा सार्य 05:34 से, बुध आर्द्रा में रात्रि 12:09, शुक्र आर्दा में रात्रि 04:43, निर्जला एकादशी व्रत स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त।
चौघड़िया मुहूर्त
चौघड़िया मुहूर्त : प्रातः 05:37 से 07:19 तक अमृत का, प्रातः 09:02 से 10:45 तक शुभ का, दोपहर 02:10 से 03:53 तक चर, दोपहर बाद 03:53 से 07:18 तक लाभ व अमृत का चौघड़िया रहेगा।
Aaj Ka Panchang: 26 जून 2024 आज की तिथि और ग्रह
Aaj Ka Panchang बुधवार 26 जून 2024 को ज्येष्ठ माह की एकादशी तिथि है स्थिति पर चंद्रमा तुला राशिमें मौजूद होते है। हिंदू पंचांग को बेदिक पंचांग के नाम से भी जाना जाता है।पंचांग के द्वारा समय और काल की सटीक जानकारी प्राप्त की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है । यह पांच अंग नक्षत्र, तिथि, योग, वार और कारण है यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त ,सूर्योदय और सूर्यास्त का समय ,राहुकाल ,तिथि करण नक्षत्र सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति हिंदू मांस और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
तिथी | पंचम तिथि | (अहोरात्र) |
नक्षत्र | धनिष्ठा | 08:13पीएम तक |
प्रथम करण | कौलव | 13: 29 पीएम तक |
द्वितीय करण | तैतिल | 26: 32 पीएम तक |
पक्ष | कृष्ण | |
वार | बुधवार | |
योग | विष्कुम्भ | 20:09 पीएम तक |
सूर्योदय | 05:27 | AM |
सूर्यास्त | 19:21 | PM |
चंद्रमा | कुंभ | |
राहुकाल | 12:24-14:48 | 12:19 तक |
विक्रम संवत | 2081 | |
शक संवत | 1944 | |
शुभ मुहुर्त | अभिजीत | 11:57 से 12:45 तक |
मास | आषाढ़ |
पंचांग के पांच अंग, नक्षत्र ओर तिथि
तिथि
हिंदू काल गणना के अनुसार चंद्र रेखांक को सूर्य रेखा से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है ,वह तिथि कहलाती है एक माह में 30 तिथियां होती हैं ,और यह तिथियां दो पक्षों में बटी होती हैं शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहते हैं।
Aaj Ka Panchang के पञ्चांग की तिथि के नाम
Aaj Ka Panchang के पञ्चांग की तिथि के नाम प्रतिपदा ,द्वितीय, तृतीय ,चतुर्थ, पंचमी, सस्ती, सप्तमी अष्टमी ,नवमी दशमी, एकादशी, द्वादशी ,त्रयोदशी ,चतुर्दशी अमावस्या एवं पूर्णिमा यह सभी Aaj Ka Panchang की तिथियां होती हैं।
पञ्चांग के सभी नक्षत्र :Aaj Ka Panchang
आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है ।इनमें कुल 27 नक्षत्र होते हैं नौकरों को इन नक्षत्रों का स्वामी कहा जाता है 27 नक्षत्र के नाम रेवती नक्षत्र,पूर्वाभाद्रपद ,सातविशा नक्षत्र ,कनिष्ठ नक्षत्र ,श्रवण नक्षत्र, उत्तर पाषाण नक्षत्र ,अनुराधा नक्षत्र ,विशाखा नक्षत्र स्वाति नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र ,हस्त नक्षत्र, पुत्र फाल्गुनी नक्षत्र पूर्वा फाल्गुनी ,नक्षत्र आद्रा नक्षत्र ,वर्ग अक्षर नक्षत्र, भरणी नक्षत्र कृतिका नक्षत्र ,रोहिणी नक्षत्र , इसी तरह के कुल 27 नक्षत्र है।
Aaj Ka Panchang और उनकी राशी
मेष : नीला भाग्योदय के अवसर हाथ आ सकते हैं। अटके काम पूरे हो सकते हैं। पारिवारिक तनाव कम होने से राहत मिलेगी। अच्छी तरह सोच-विचारकर नया काम शुरू करें।
वृष : हरा: व्यापारिक कार्यों की धीमी गति से नुकसान हो सकता है। नए सौदे हाथ से निकलने का मलाल रहेगा। युवाओं को कॅरिअर में बेहतर प्रस्ताव मिल सकते हैं।
मिथुन : आसमानी : व्यापारिक साझेदारी में लाभ संभव है। कुछ लोगों के कारण आपकी प्रतिष्ठा धूमिल हो सकती है। वक्त पर सहयोग नहीं मिलने से नुकसान हो सकता है।
कर्क : पीला : नए काम की शुरुआत लाभदायी हो सकती है। कार्यस्थल पर सबको साथ लेकर चलें तो संबंध मधुर होंगे। बिखरे कामों को सुलझाने में सफल रहेंगे।
सिंह : काला: अनावश्यक टकराव दूर होने से राहत मिलेगी। कारोबारी योजना पर धन खर्च संभव है। मेहमानों की आवाजाही से घर में उल्लास का माहौल रहेगा।
कन्या : गुलाबी राह की अड़चनें दूर होंगी। प्रॉपर्टी के क्रय-विक्रय से भारी लाभ की संभावना है। पुरानी बातों को भूलकर समझौता करना बेहतर है। यात्रा का कार्यक्रम बनेगा।
तुला : भूरा: विद्यार्थी नई जगह और नए माहौल में खुद को असहज महसूस करेंगे। टालमटोल की नीति आगे बढ़ने में बाधक हो सकती है। नए संपर्क लाभदायी हो सकते हैं।
वृश्चिक : बादामी : अपनी कार्यशैली मैं सुधार कर अच्छा लाभ कमाएंगे। अटका धन मिलने से आर्थिक स्थिति सुधरेगी। राजकीय मामले सुलझने से राहत महसूस करेंगे।
धनु : फिरोजी परिचितों के कारण दौड़धूप बढ़ सकती है। समय पर सहयोग नहीं मिलने से काम अटक सकते हैं। अधिकारी आपको नई जिम्मेदारी दे सकते हैं।
मकर : नारंगी : किसी की सिफारिश से अटके काम पूरे हो सकते हैं। बाहरी दबाव के चलते काम में परेशानी हो सकती है। साझेदारी लाभदायी रहेगी। धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी।
कुंभ : जामुनी उधार दिया धन वसूल करने में परेशानी हो सकती है। परिणय चर्चा में सफलता के आसार हैं। जीवनसाथी के स्वास्थ्य संबंधी चिंता बढ़ेगी। आस्था बढ़ेगी।
मीनः स्लेटी नए काम की शुरुआत में लोगों का विरोध झेलना पड़ सकता है। दुविधा की स्थिति छोड़कर फैसला लें, सफलता मिलेगी। राजकीय लाभ की संभावना है।
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हिंदी पंचांग के अनुसार तिथि क्या है?
चंद्रमास २९.५ दिवस का है यह समय 30 दिवस के कुछ ही घटकर है । इस समय के 30 विभाग को तिथि कहते हैं
आज की तिथि क्या है?
आज तिथि कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है!
सबसे अच्छा शुभ मुहूर्त कौन सा होता है?
अमृत जीव मुहूर्त और ब्रह्म मुहूर्त सबसे श्रेष्ठ माना जाता है ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से 25 नदियां पूर्व यानी लगभग 2 घंटे पहले होता है यहां कुछ समय साधना और ध्यान में लगाना सर्वोत्तम लाभकारी होता है।
अभिजीत मुहूर्त में क्या नहीं करना चाहिए?
ज्योतिष के अनुसार इस मुहूर्त में दक्षिण दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए। बुधवार के दिन अभिजीत मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।