Aacharya Chanakya Niti In Hindi: आचार्य चाणक्य की नीतिशास्त्र की नीतियां मनुष्य को एक सफ़ल और सरल, या फिर यों कहें की एक चालाक इंसान बनाने में मदद करती हैं। परंतु सिर्फ वही इंसान सफ़ल हो सकता है । जो Chanakya Niti in hindi पर अमल करता है । तो ऐसी ही 5 Aacharya Chanakya Niti In hindi आपको यहां दी गई है ,
जिनपर अमल कर आप चाणक्य की तरह सोच सकते हो ।आचार्य चाणक्य की पुस्तक नीति शास्त्र जिसमें उन्होंने व्यवहारिक ज्ञान, राजनीतिक ज्ञान, एवं सांसारिक ज्ञान, सभी के बारे में जानकारी दी है आपको बता दें कि आचार्य चाणक्य का एक और नाम है विष्णु गुप्त और उन्हें कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है।
नाम | अन्य नाम |
चाणक्य | विष्णु गुप्त, कोटिल्य |
Aacharya Chanakya Niti की 7 सिद्धांत यहां दिए है :
- दुर्जन पर नहीं बल्की सर्फ पर भरोशा करना ही Aacharya Chanakya Niti हैं।
- दूसरे का घर कितना भी अच्छा क्यों ना हो नींद सदा अपने ही बिस्तर पर आती है।
- जैसा स्वभाव वैसा ही व्यवहार करना Aacharya chanakya niti है
- युद्ध में तलवार के साथ ढाल का मेलजोल होना अति आवश्यक है।
- मनुष्य का स्वभाव सरल ही नहीं बल्कि कठोर भी होना चाहिए।
- योजना जितनी गुप्त होगी सफलता उतनी निश्चित होगी।
- अपने भय कोई अपनी शक्ति बना लेना ही Aacharya Chanakya Niti है।
सिद्धांत:01 मनुष्य का स्वभाव सरल ही नहीं बल्कि कठोर भी होना चाहिए।
Aacharya Chanakya Niti कहती है की,जीवन में सदा मीठे स्वभाव और सरलता से ही लक्ष्य नहीं सादा जा सकता। दीवाल पर कुछ लगाना हो तो कील की आवश्यकता पड़ती है । मात्र परिश्रम और सरलता से सफलता अधिक समय तक टिकती नहीं , उसके लिए अपने निर्णय में दृढ़ता ,कठोरता और नुकीलापन लाना पड़ता है । इस कील की भांति ऊपर से सपाट और नीचे से नुकीली । परामर्श लेते समय सरल रहो ,परंतु से कार्य करते समय नुकीले और दृढ़ रहो।
सिद्धांत:02 दुर्जन पर नहीं बल्की सर्फ पर भरोशा करना ही Aacharya Chamakya Niti हैं।
Aacharya Chanakya Niti in hindi कहती है यदि आपको सर्फ दिख जाए तो आप क्या करेंगे या तो उससे दूर हो जाएंगे या उसे मार डालेंगे। परंतु किसी भी अवस्था में उसको पालेंगे नहीं । दुर्जन का भी यही होता है दुर्जन व्यक्ति आपके बीच हमेशा समस्या ही उत्पन्न करता है । या तो भयभीत करेगा या समाप्त और दोनों ही दशा ठीक नहीं है।
दुर्जन व्यक्ति की दुजंता समझ आ जाने पर , केवल एक ही मार्ग शेष रहता है ,उसका अंत जीवन में यदि कभी एक सर्प और दुर्जन के बीच किसी एक पर भरोसा करना है। तो सदैव सर्फ का ही चुनाव करें क्योंकि सर्प केवल तभी dashta है जब उसे पर प्राणों का संकट हो परंतु दुर्जन व्यक्ति अपने स्वार्थ के कारण पद – पद पर आपको हानि पहुंचाने की योजना बनाता रहता है ।
सिद्धांत: 03 दूसरे का घर कितना भी अच्छा क्यों ना हो नींद सदा अपने ही बिस्तर पर आती है।
Chanakya Niti in hindi कहती है की , अतिथि बनकर कहीं जाओ तो अच्छा लगता है । मान सम्मान प्राप्त होता है, आदर्श सत्कार मिलता है। और फिर धीरे-धीरे आप अपने घर से तुलना करना प्रारंभ कर देते हो आप अपने घर को थुच्य समझने लगते हो। जिस देश में आधार ना हो ज्ञान ना हो आजीविका के अवसर न हो उसका त्याग कर देना चाहिए । परंतु अपना घर असुंदर हो तो उसका त्याग नहीं करते बल्कि उसे ही सुंदर बनाते हैं ।
उसे सजाते हैं , यदि आपके देश में सम्मान नहीं आजीविका के साधन नहीं तो कहीं ना कहीं आप भी जिम्मेदार हैं। ऐसी अवस्था में विदेश की तुलना में अपने देश को छोटा मत समझो यहीं ज्ञान फैलाव और यहीं आजीविका के अफसर उत्पन्न करो यहीं सम्मान पाओ क्योंकि
दूसरे का घर कितना भी अच्छा क्यों ना हो नींद सदा अपने ही बिस्तर पर आती है। “
Aacharya Chanakya Niti in hindi
यही Chanakya Niti है।
सिद्धांत:04 जैसा स्वभाव वैसा ही व्यवहार करना Aacharya chanakya niti है।
हाथी को वश में करने के लिए अंकुश उपयोग में लाया जाता है, और अश्व को संतुलित करने के लिए लगाम का उपयोग किया जाता है । परंतु यदि हाथी पर लगाम कसकर उसे पर सवारी करने का प्रयास किया जाए तो सवार गिर सकता है। और यदि अश्व पर अंकुश से प्रहार किया तो अष्ट दराशाही हो सकता है ।
According of aacharya Chanakya Niti in hindi : जैसे हर देवताओं को प्रसन्न करने की एक भिन्न प्रक्रिया होती है । उसी प्रकार भिन्न प्रतिद्वंदियों को एक ही शस्त्र से बस में नहीं किया जा सकता , भिन्न-भिन्न व्यक्तियों के साथ उनके स्वभाव और आवश्यकता के अनुसार ही उनसे व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि कोई समझने से समझे कोई लोभ के लालच में साथ देगा । कोई दंड से मार्ग पर आएगा , तो किसी को फैककर तोड़ना होगा , स्मरण रहे शिव के मंदिर में नारायण की आरती नहीं गाते जैसा देवता बेसी पूजा की जाती है ।
सिद्धांत: 05 युद्ध में तलवार के साथ ढाल का मेलजोल होना अति आवश्यक है।
तलवार के साथ ढाल का मेलजोल होना अति आवश्यक है।
Aacharya Chankya Niti In hindi कहती है युद्ध साम्राज्य का हो या जीवन का तलवार और ढाल का मेलजोल अत्यंत आवश्यक है। तलवार मयान से निकलते समय स्वर निकलती है । परंतु ढाल मौन रहती है तलवार आगे बढ़कर शत्रु पर प्रहार करती परंतु ढाल पीछे हटकर हमारा बचाव करती है। युद्ध भूमि में तलवार शत्रु का रक्त बहती है।
वहीं दूसरी ओर इस युद्ध भूमि में ढाल हमारा रक्त बहने से बचाती है। जो केवल तलवार के भरोसे रण क्षेत्र में उतरते हैं, वह या तो युद्ध हारते हैं या अपने प्राण । अपने सहायकों में केवल तेज तर्राथ और बुद्धि वाले इंसानों को ही ना रखें बल्कि, दृढ़ और मोन रहने वाले व्यक्तियों को भी रखना अति आवश्यक है जब यह दोनों आपके पक्ष में होंगे तभी होगी जीत आपकी ।
अपेक्षा सिर्फ अपने कर्म से रखो और कर्तव्य करते रहो। Chanakya Niti in hindi
आचार्य Chanakya Niti in hindi कहती है की, वृक्ष उगाने के लिए सब अच्छे से अच्छे बीज का उपयोग करते हैं , क्योंकि बीच ही यह निश्चित करता है की, उगने वाला पौधा एक बट वृक्ष बनेगा या कांटेदार झाड़ी । परंतु उस वृक्ष का अस्तित्व सुनिश्चित करती है वह माटी वह भूमि जिसमें वह बीज पनपेगा ,
क्योंकि यदि माटी बंजर हुई तो बीज सुख कर मर जाएगा ।और यदि माटी में खारा पन हुआ । तो वह बीज एक छोटा सा पौधा बनकर ही सीमित रह जाएगा । इसलिए माटी पर ही निर्भर करता है कि, कौन सा बीज भविष्य में एक विशाल वट वृक्ष बनकर सैकड़ो को घर देगा, सैकड़ो को छांव देगा।
यही संबंध है, “राजा और प्रजा के बीच”राजा यदि बीज है तो ,प्रजा है माटी इसलिए यदि श्रेष्ठ से उत्तम शासन पाना है तो, प्रजा को स्वम सावधान रहना होगा । निरंतर खुद पर कार्य करते रहना होगा । क्योंकि राजा इसी रज से बनता है। इसलिए आवश्यकता राजा से अपेक्षा की नहीं है, आवश्यकता है ख़ुद के कर्म परीक्षा की । यही है श्रेष्ठ Chanakya Niti ।
योजना जितनी गुप्त होगी सफलता उतनी निश्चित होगी।
Aacharya Chanakya Niti in hindi कहती है कि, जीवन में आपने कितनी भी लक्ष्य सादे हों, परंतु प्रश्न यह है कि विफल कितने में हुए , सफल होने पर मन में यह विचार अवश्य आता होगा कि परिश्रम किया, दृढ़ निश्चित रखा तो फिर विफल क्यों हुआ? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए एक प्रश्न अपने आप से पूछिए कि जिस योजना को लक्ष्य साधकर आगे बढ़ रहे थे इसका ज्ञान किस-किस को था ?
पपीते के वृक्ष पर जब फल आते हैं , तो उसे कपड़े से ढक दिया जाता है। ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उसके रंग और गंध से किट और पक्षी आकर्षित होकर उसे खा ना जायें । इसलिए यदि फल का आनंद लेना है ,तो उसे गुप्त रखना होगा। सफल होने के लिए केवल परिश्रमी होना की पर्याप्त नहीं है, Aacharya Chanakya Niti कहती है कि-
यदि लक्ष्य की प्राप्ति करनी है ,तो उस योजना को गुप्त रखना होगा जिससे आप लक्ष्य पाना चाहते हो ।
Aacharya Chanakya Niti in hindi
अपने भय कोई अपनी शक्ति बना लेना ही Aacharya Chanakya Niti है।
गुरु चाणक्य कहते हैं या Aacharya Chanakya Niti कहती है की भय यदि मन के भीतर ही रहे तो प्राणी की रक्षा करता है ।परंतु यदि वही भय मन से बाहर आ जाए तो प्राणों का शत्रु भी बन जाता है। संसार का सबसे भयंकर जीव होता है सर्फ परंतु यहां यह जानना भी आवश्यक है ।की सर्प एक अत्यंत डरपोक जी भी होता है । छुप कर रहता है ,झाड़ियां में विचरण करता है ,कभी स्पष्ट रूप से सामने नहीं आता ।
इसी प्रकार Aacharya Chankya Nit in Hindi i की ओर चाणक्य नीति जानने के लिए हमारे Blog Article को शेयर करना ना भूले और निरंतर पढ़ना ना भूले क्योंकि न्यूज़ अपडेट के साथ आपके जीवन से जुड़ी सभी व्यवहारिक बातें आपको Totally khabar पर लेकर आते रहेंगे।
Aacharya Chanakya Niti कि 📚 book खरीदें इस लिंक पर क्लिक कर बहुत ही कम दाम में>>>>
Chanakya Niti कि 📚 book खरीदें इस लिंक पर क्लिक कर बहुत ही कम दाम में>>>>
https://www.flipkart.com/chanakya-neeti/p/itmfdyjnyt7qgx7t
चाणक्य ने भगवान के बारे में क्या कहा?
आचार्य चाणक्य ने भगवान विष्णु को सर्वश्रेष्ठ यानी परमपिता परमेश्वर कहा है उनका कहना है कि भगवान विष्णु की कृपा से ही व्यक्ति जीवन में सब कुछ प्राप्त करता है।इसलिए हर दुख संकट में ईश्वर का नाम सिमरन करना चाहिए।
चाणक्य अनुसार जीवन कैसा होना चाहिए?
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार दूसरों के लिए अपने दिल में अत्यधिक प्यार और सम्मान रखना सुखी जीवन की निशानी है। सुखी जीवन प्रत्येक व्यक्ति की अभिलाषा है लेकिन मनुष्य कई मोह माया से चारों ओर से घिरा रहता है।
चाणक्य के अनुसार पत्नी की पहचान कब होती है ?
चाणक्य कहते हैं की एक पत्नी की पहचान पति के संपूर्ण धन नष्ट होने पर हो जाती है। पति-पत्नी का रिश्ता भरोसे का होता है हर परिस्थिति में जो स्त्री अपने पति का साथ देती है वह आदर्श पत्नी होती है।
एक अच्छी पत्नी में क्या गुण होना चाहिए?
एक दूसरे के प्रति सम्मान
एक दूसरे के प्रति सच्चा प्रेम भाव हो
एक दूसरे पर इल्जाम ना लगाना
एक दूसरे की अलग सोच का भी आदर करना व उसे अपने की कोशिश करना सहयोग का भाव रखना
चाणक्य अनुसार अच्छी पत्नी कौन है?
अच्छी पत्नी वह है जो पूर्ण रूप से अपने पति के प्रति समर्पित होती है जो चरित्रवान गुणवंशीलवन और संस्कारी होती है।
Who is Chanakya?
Chanakya was an ancient Indian teacher philosopher economist jurist and royal advisor his traditionally identified as Kautilya or Vishnu gupt
What is so special about Chanakya ?
Chanakya was a Graham in Viber and a great scholar born in Patliputra Patna his original name was Vishnu Gupta he was called as Chanakya.
What is your opinion of Chanakya Niti?
A brahaman who was deceived and insulted by the nandash. who started to considered themselves as the God decided to take revenge of them.
What is Chanakya Niti ?
Chanakya Niti is a special trited in Sanskrit ,literature which was written for improving human life is telling hi moral value.