9 विनाशकारी आदतें जो student को  सफलता में बाधा डालती हैं।

आज के आधुनिक दौर में छात्र के असफल होने का कोई एक कारण नहीं है क्योंकि इंसान के दिमाग को भड़काने वाली इस सोशल मीडिया ने उनको आकर्षित कर लिया है।और छात्र ही नहीं उनके पैरेंट्स भी उसके आदि होते जा रहे हैं।

आज हम आपको ऐसी ही कुछ 9 विनाशकारी आदतों के बारे में बताने वाले हैं जो छात्रों के जीवन में असफलता की ओर ले जाती हैं। इसलिए इन आदतों को छोड़कर आगे बढ़े

कुछ लोग अपनी सफलता का श्रेय जन्मजात प्रतिभा को मानते हैं, जबकि है अच्छी आदतों और बुद्धिमत्ता का एक मिश्रण है । इसलिए उन आदतों को त्याग दो जो आपकी सफलता में बाधा डालते हैं

नकारात्मक सोच और आदतें 

टालमटोल करना लगभग सभी की एक आम आदत है। यदि आप किसी प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हो और आप डाल मेटल करते हो तो आप बाकी उन छात्रों से पीछे रह जाओगे जो नियमित अपने कार्य में व्यस्त हैं।

कार्य के लिए टालमटोल करना 

अव्यवस्था केवल अव्यवस्थित अध्ययन स्थान तक ही पर्याप्त नहीं है जबकि है समय प्रबंधन और प्राथमिकता निर्धारण में व्यवस्था के बारे में भी है

संगठन और अराजकता का अभाव 

यदि आप अपने दिमाग से कोई कार्य करना चाहते हो तो उसको स्वस्थ रखना बहुत ज्यादा जरूरी है और स्वस्थ रखने के लिए स्वस्थ भोजन स्वस्थ शरीर का होना आवश्यक है।

अपने स्वास्थ्य पर ध्यान ना देना

आज का दौर आधुनिक दौर और AI का दौर है। यहां समस्या भी यही है और समाधान भी यही है जो जितना ज्यादा ज्ञान अध्ययन करेगा ,वह सफल होगा ना कि किताबी कीड़े बनकर । क्योंकि किताबि ज्ञान के साथ व्यवहारिक सक्रिय ज्ञान भी होना आवश्यक।

किताबि कीड़े बनना

कई छात्र सोचते हैं कि मैं परीक्षा की तैयारी के साथ में कई काम कर सकता हूं । जैसे कि असाइनमेंट पर काम करना ,अलग-अलग गतिविधियों में भाग लेना,यह एक मल्टीटास्किंग है ,जिसमें ध्यान भटक जाता है और उससे किसी एक चीज पर प्रभाव कम हो जाता है।

एक्स्ट्राऑर्डिनरी और मल्टीटास्किंग वर्क 

आज जो भी सफल इंसान हुए हैं उन्होंने सिर्फ अपनी मेहनत पर विश्वास किया है ना कि फल और नकारात्मक सोच पर। और ना ही उन्हे कभी हारने का डर हुआ है । इसलिए आज वह सफल है

असफलता का डर और फल की इच्छा 

एक छात्र की सोचिए होती है कि अकेले और एकांत में पढ़ाई करना बेहतर होता है लेकिन मेरा मानना है की दोस्तों के साथ सलाहकारों के साथ अपनी शिक्षा और समस्याओं को सुलझाते हुए आगे बढ़ाना बहुत अच्छी नीति है।

स्वयं को सबसे अलग रखना